धनुरासान और शवासन योगासन कैसे करे ? इन दोनों योगासन के पद्धति और लाभ क्या है ?
गुड ईवनिंग दोस्तो आज के इस आर्टिकल में आपको दो नए टॉप योगासन के बारे में जानकारी देने वाला हूं। या दोनों योगासन मेसे पहला योगासन का नाम धनुरासन है और दूसरे योगासन का नाम शावशन है। इस दोनों योगासन करने के लिए पद्धति बताई है वह पढ़ कर आप इस दोनों आसनों को बड़ी आसानी से कर सकते हो। और इसके अलावा इन दोनों आसान से होने वाले लाभ के बारे में भी बताया है।
धनुरासान
•इस आसन में शरीर धनुष के आकार का होता है। इसलिए इसे "धनुरासन" कहा जाता है। तरीका
• जमीन की ओर मुंह करके लेट जाएं। मांसपेशियों को आराम से छोड़ दें। दोनों हाथों को अगल-बगल रखें। पैरों को पीछे की ओर मोड़ें। अपने हाथ उठाएं और घंटियों को ठीक से पकड़ें। छाती और सिर को ऊपर उठाकर श्वास लें।
• हाथ को सीधा और सख्त बनाएं। पैरों को भी कस लें। इस तरह एक सुंदर उत्तल मेहराब बन जाएगा। यदि आप अपने पैरों को ऊपर खींचते हैं, तो आप अपनी छाती को हिलाने में सक्षम होंगे। अपनी सांस को बहुत आसानी से रोके रखें। फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए घुटनों से पकड़ें
• इस आसन को जितनी देर हो सके आराम से करें। नोट: इस आसन को पेट खाली होने पर ही करें।
लाभ:
गैस्ट्रिक रोगों के लिए फायदेमंद।
अंगों और घुटनों के अंग हटा दिए जाते हैं।
पाचन क्रिया को बढ़ाता है।
श्वसन क्षमता को बढ़ाता है।
आलस्य दूर होता है।
धनुरासान और शवासन योगासन दोनों योगासन के पद्धति और लाभ क्या है ?
शवासन:
इस आसन में शरीर एक मृत शरीर के आकार का होता है, इसलिए इसे "शवासन" कहा जाता है।
तरीका:
• अपनी पीठ के बल सोएं।
• पंजों को बाहर की ओर झुकाए रखने के लिए पैर के एडीओ को थोड़ा खुला रखें। शरीर के सभी अंगों और मांसपेशियों को धीला छोड़ दें। मन को शांत रखें।
• हाथों को शरीर से थोड़ा दूर रखें, मुट्ठी की हथेली आकाश की ओर झुके, पैरों को कंधों जितना चौड़ा रखें।
लाभ:
• श्रम (थकान) दूर होता है।
• तन और मन को आराम मिलता है।
•मांसपेशियों को आराम के साथ-साथ आराम भी मिलता है। शरीर में शुद्ध रक्त का संचार होता है। मन की एकाग्रता का अनुभव होता है।
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