तंत्रिका कोशिका क्या है और उसके कार्य, प्रकार, संरचनाके बारे में - सबकुछ जानकारी हैलो नमस्ते दोस्तो आज के हम इस आर्टिकल में आपसे बहुत सारे टॉपिक पर चर्चा करने वाले है और उन सब टोपिक के बारे में हम आज इस आर्टिकल में आप से सबकुछ जानकारी दे देंगे। तो आज का इस आर्टिकल को पूरा पढ़ लेना धन्यवाद। आज इस आर्टिकल में आपको तंत्रिका कोशिका क्या है? इस टोपिक पर चर्चा करेंगे। दूसरा टॉपिक है तंत्रिका कोशिका के भाग और तीसरा टॉपिक है तंत्रिका कोशिका के प्रकार चोथा टॉपिक है तंत्रिका कोशिका की संरचना और लास्ट जो टॉपिक है वह है तंत्रिका कोशिका के कार्य तो आप यह आर्टिकल को पूरा पढ़ लेना धन्यवाद।
तंत्रिका कोशिका क्या है और उसके कार्य के बारे में - सबकुछ जानकारी
1.इस शब्द का प्रयोग पहली बार किसने किया
2.तंत्रिका कोशिका के भाग
3.तंत्रिका कोशिका के प्रकार
4.तंत्रिका कोशिका की संरचना
5.तथा तंत्रिका कोशिका के कार्
तंत्रिका कोशिका या (Nervous System)
तंत्रिका कोशिका शब्द का प्रयोग पहली बार वैज्ञानिक हेनरिक वेलहम वाल्डेयर ने किया था तंत्रिका तंत्र पूरे शरीर में फैला होता है यह केवल जंतुओं में ही होता है
पौधों में तंत्रिका तंत्र नहीं पाया जाता है मनुष्य का तंत्रिका तंत्र सबसे अधिक विकसित और सबसे अधिक जटिल होता है
जंतु के शरीर में होने वाली विभिन्न जैविक क्रियाओं पर नियंत्रण, शरीर के बाहर से आने वाले उद्दीपनों की जानकारी देना, उत्तेजनशीलता इत्यादि इसके प्रमुख कार्य हैं।
यह देश के डाक तार विभाग की तरह पूर्ण शरीर में फैले अखंड सूचना-प्रसारण तंत्र का काम करता है। इसके द्वारा पलक झपकते ही संवेदनाए एक अंग से दूसरे अंग तक पहुंच जाती हैं। यह कोशिकाएं वातावरणीय परिवर्तनों को उद्दीपनों के रूप में ग्रहण करके उन्हें विद्युत रासायनिक आवेगों के रूप में प्रसारित करती हैं।
जब हम किसी चीज को छूते, या ध्वनि, प्रकाश आदि के होने पर यह तंत्रिका कोशिकाएं प्रतिक्रिया करती हैं और फिर संकेत को मेरुरज्जु में पहुंचाती हैं और फिर मेरुरज्जु से मस्तिष्क को भेजती हैं मस्तिष्क संकेत ग्रहण करता है और उस पर विश्लेषण करके अनुक्रिया करता हैं
तंत्रिका कोशि-काएं शरीर की सबसे लंबी कोशिकाएं होती हैं। मनुष्य के शरीर में इनकी संख्या लगभग 100 अरब होती है जिनमें अधिकांश संख्या मस्तिष्क में होती हैं। तंत्रिका कोशिकाओं में विभाजन नहीं होता है जिससे इनके नष्ट होने पर इन्हें पुनः प्राप्त नहीं किया जा सकता है।
प्रत्येक तंत्रिका कोशिका को तीन भागों में बांटा जा सकता है
1. कोशिका काय (Cyton)
2. वृक्षिकाएँ (Dendron)
3. तंत्रिकाक्ष (Axon)
मनुष्य तथा स्तनियों सहित सभी कशेरुकियों में तंत्रिका तंत्र या नर्वस सिस्टम विशेष प्रकार के ऊतक, तंत्रिका ऊतक से बना होता है इसीलिए इसे तंत्रिका ऊतक के नाम से भी जानते हैं। इस ऊतक में अत्यंत विशिष्ट कोशिकाएं तंत्रिका कोशिकाएं होती हैं जो तंत्रिकातंतु
से विकसित होती हैं इसीलिए इसे तंत्रिका कोशिका भी कहते हैं।
1. कोशिका काय (Cyton)
यह तंत्रिका कोशिका का मुख्य भाग है। इस के मध्य में एक बड़ा केंद्रक होता है और उसके चारों और कोशिका द्रव्य होता है। इसमें असंख्य रंगीन धूसर कण पड़े
होते हैं जिन्हें निसल्स कण कहते हैं जो उद्दीपन उत्पन्न करने के लिए उर्जा प्रदान करते हैं।
2. वृक्षिकाएँ (Dendron)
यह कोशिकाय से निकले अनेक प्रवर्ध हैं जिन्हें डेंड्रॉन कहते हैं। यह पुनः द्वितीयक एवं तृतीयक प्रवर्ध में शाखित होते हैं जिनको डेंड्राइट कहते हैं। इनके द्वारा तंत्रिका कोशिका अन्य तंत्रिकाओं से जुडी होती है।
3. तंत्रिकाक्ष (Axon)
कोशिकाय से न्यूरीलेमा में बंद एक लंबा, मोटा तथा बेलनाकार प्रवर्धन निकला होता है जिसे एक्सान कहते हैं एक्सान तथा न्यूरीलेमा के बीच में एक वसीय पदार्थ होता है। एक्सान के मध्य से तंतु व अंतिम सिरे से छोटी छोटी सी धुंडियां निकली रहती हैं। जिन्हें सिनप्टिक धुंडिया कहते हैं जो दूसरी तंत्रिका कोशिका के वक्षिकान्त से मिलकर सिनेप्स बनाते हैं इन स्थानों से संवेदनाए एक न्यूरान से दूसरे न्यूरान तक पहुंचते हैं।
तंत्रिका कोशिका के प्रकार
तंत्रिका कोशिकाओं से निकलने वाली प्रवरधों की संख्या के आधार पर यह कोशिकाएं तीन प्रकार की होती हैं
1. एक ध्रुवीय
2. द्विध्रुवीय
3. बहुध्रुवी
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